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QWERTY कीबोर्ड एक प्रकार का कीबोर्ड लेआउट है जो आमतौर पर कंप्यूटर और अन्य electronic उपकरणों में उपयोग किया जाता है। "QWERTY" शब्द कीबोर्ड के ऊपरी-बाएं कोने में पहले छह अक्षरों की व्यवस्था से आता है। यह लेआउट अंग्रेजी भाषा में सबसे अधिक बार उपयोग किए जाने वाले अक्षरों को इकट्ठा करने के लिए डिज़ाइन किया गया था और बाद में अधिकांश कंप्यूटरों और उपकरणों के लिए Standard कीबोर्ड लेआउट बन गया है।
QWERTY Keyboard कब शुरू हुआ
QWERTY कीबोर्ड लेआउट 19 वीं शताब्दी में एक अमेरिकी आविष्कारक क्रिस्टोफर शोल्स द्वारा विकसित किया गया था। शोल्स ने अपने सहयोगियों सैमुअल सोल और कार्लोस ग्लीडेन के साथ मिलकर पहले टाइपराइटर का आविष्कार किया, जिसे शोल्स और ग्लीडेन टाइपराइटर या रेमिंगटन नंबर 1 के रूप में जाना जाता है।
इस शुरुआती टाइपराइटर में एक लेआउट था जो उन कीबोर्ड से काफी अलग था जिनसे हम आज परिचित हैं। इसके design English Alphabets पर आधारित था। लेकिन इसमें एक समस्या थी, जब keys को जल्दी जल्दी दबाया जाता था, या तेज़ typing की जाती थी तो इसकी Keys जाम हो जाती थी।
Keys को जाम होने से बचाने के लिए इसमें Alphabets को इस प्रकार arrange किया गया की लोग जल्दी जल्दी typing ना कर पाए, इसलिए इसमें Alphabets के एक नए लेआउट में लगाया गया, ये नया लेआउट QWERTY लेआउट था, जिसे हम आज भी प्रयोग कर रहे है।
QWERTY लेआउट डिजाइन
QWERTY कीबोर्ड लेआउट में हम देखते है की कीबोर्ड पर अक्षरों और characters को किस प्रकार जमाया गया है। अक्षरों की Top Row Q-W-E-R-T-Y को दर्शाती है, इसलिए इसका नाम क़्वेर्टी रखा गया है। यह लेआउट जाम को रोकने और Typing Efficiency बढ़ाने के लिए के लिए डिज़ाइन किया गया है।
QWERTY layout ही क्यों?
QWERTY लेआउट में सबसे अधिक बहस वाले topics में से एक इसकी efficiency है। आलोचकों का तर्क है कि लेआउट को शुरुआती टाइपराइटर पर जाम लगाने से रोकने के लिए जानबूझकर टाइपिंग को धीमा करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। हालांकि यह सच है कि लेआउट को जैमिंग रोकने के लिए विकसित किया गया था, लेकिन यह कहना भी पूरी तरह सही नहीं है कि यह जानबूझकर टाइपिंग को धीमा करने के लिए डिज़ाइन किया गया था।
QWERTY लेआउट कई विचारों को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया गया था
जाम की संभावना को कम करने के लिए आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले अक्षरों को एक-दूसरे से अलग किया जाता था। उदाहरण के लिए, "TYPEWRITER" में अक्षर कीबोर्ड में फैले हुए हैं।
layout को इस तरह design किया गया की इसमें दोनों हाथो का प्रयोग हो सके, जब एक हाथ से typing की जा रही हो तो दूसरा हाथ टाइपिंग के लिए तैयार रहता है। इससे टाइपिंग की speed बढ़ती है क्योकि सारे अक्षर अब दोनों हाथो की पहुँच में है और अक्षरों को टाइप करने के लिए हाथ को ज्यादा Move नहीं करना पड़ता।
अन्य कीबोर्ड लेआउट
वर्षों से,अन्य कीबोर्ड लेआउट भी design किए गए हैं, जिनमें से कुछ QWERTY की तुलना में अधिक efficient होने का दावा करते हैं। ऐसा ही एक लेआउट Dvorak keyboard layout है, जिसे 1930 के दशक में डॉ अगस्त ड्वोरक और उनके बहनोई डॉ विलियम डीली द्वारा विकसित किया गया था।
ड्वोरक लेआउट को अंग्रेजी भाषा के लिए टाइपिंग को अनुकूलित करने के लिए डिज़ाइन किया गया था, जिसमें "Home Row" पर सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले अक्षरों को रखा गया था, जहां उंगलियां आराम से पहुँच सकती हैं।
ड्वोरक लेआउट के समर्थकों का तर्क है कि यह बिना उंगली की गति को बढ़ाये टाइपिंग की गति को बढ़ाता है, और टाइपिंग से संबंधित errors को कम करता है। हालांकि, QWERTY लेआउट की उपस्थिति और popularity ने अन्य सभी लेआउट के प्रचलित होने में मुश्किलें पैदा कर दी।
इन सब के आलावा अगर users Qwerty से अलग कोई लेआउट अपनाते तो उन्हें फिर से typing सिखने की जरुरत पड़ती, ऐसे में बाकी layout समय के साथ साथ इतिहास में दब कर रह गए और QWERTY layout प्रचलित हो गया।
जैसे जैसे Typewriters की जगह Digital Computers ने ली, users को typing दौबारा सिखने की जरुरत नहीं पड़ी क्योकि digital Computers में भी QWERTY layout ही प्रयोग किया गया है।
QWERTY कीबोर्ड की शुरुआत भले ही कैसी भी हो, आज ये एक प्रचलित लेआउट है और सबसे ज्यादा प्रोग होने वाला layout है। आज हमने इस लेख में सीखा की "QWERTY Keyboard क्या होता है", यह कैसे शुरू हुआ और किसने इसका अविष्कार किया।, इस लेख से सम्बंधित आप अपने प्रश्न हमे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है।