Ring Topology एक प्रकार की Network Topology है जिसमें सभी Nodes एक गोल आकार में connected रहते हैं। इस Topology में प्रत्येक Node उसके अगले और पिछले Node से जुड़ा रहता है, जिससे data एक loop के रूप में ट्रांसमिट होता है।
Ring Topology में data एक Node से दूसरे Node तक क्रम में ट्रेवल करता है। एक Node डाटा को प्राप्त करता है और फिर उसे अगले Node को भेज देता है।
इस प्रकार data एक निश्चित दिशा में travel करता है, आमतौर पर clockwise या counter-clockwise।
Token passing का Ring Topology में उपयोग किया जाता है। Token एक special data packet होता है जो नेटवर्क में circulate करता रहता है।
जिस Node के पास Token होता है, वह data send कर सकता है। इससे data collision की संभावना कम हो जाती है।
Ring Topology की कार्यप्रणाली
Ring Topology में सभी computers और devices एक closed loop में connected रहते हैं, जहाँ हर device केवल अपने अगले और पिछले device के साथ connected होता है।
इस Topology में data एक दिशा में travel करता है। यह या तो clockwise या counter-clockwise दिशा में घूमता है। अब जानते है Ring Topology की कार्यप्रणाली
Data Transmission
Ring Topology में
data packets एक Node से दूसरे Node तक क्रम से प्रेषित किये जाते हैं। जब एक Node data send करना चाहता है, तो वह data को एक frame में बंद करता है और उसे अगले Node को भेज देता है।
यह process तब तक चलता रहता है जब तक डाटा destination Node तक नहीं पहुँच जाता।
Token Passing Mechanism
Ring Topology में आमतौर पर Token Passing मैकेनिज़म का उपयोग होता है। Token एक खास प्रकार का data packet होता है जो network के चारों ओर circulate करता रहता है।
कोई नोड तभी डाटा को भेज सकती है जब उसके पास टोकन उपलब्ध होता है। इससे data collision की संभावना ना के बराबर हो जाती है, क्योंकि एक समय में केवल एक ही Node data send कर सकता है।
Receiving and Forwarding
जब कोई Node (माना नोड A) data receive करता है, तो वह सबसे पहले देखता है कि क्या data का destination address उसी का है या नहीं। यदि data उसका नहीं है, तो वह data को अगले Node (माना नोड B) को forward कर देता है।
यदि data का destination address उसका है, तो Node उस data को process करता है और Token को खाली (free) करके आगे की transmission के लिए भेज देता है।
Error Handling
यदि data भेजते समय किसी Node या link में fault आता है, तो data पूरे loop में वापस original sender के पास आ जाता है। इससे sender को पता चल जाता है कि data successfully deliver नहीं हो पाया है और वह दोबारा डाटा भेजने से पहले नेटवर्क के error को ठीक कर सकता है।
Network Configuration
नयी Nodes जोड़ने या हटाने के लिए, network कुछ देर के लिए down हो सकता है ताकि cable व्यवस्था को adjust किया जा सके। प्रत्येक Node को Network Address और configuration manually सेट करना पड़ता है।
रिंग टोपोलॉजी के उपयोग (Applications of Ring Topology In Hindi)
Ring Topology का उपयोग विभिन्न applications में किया जा सकता है जहाँ इसके विशेष गुण और advantages लाभकारी होते हैं।
आइए विस्तार से रिंग टोपोलॉजी के उपयोग जानते हैं
Local Area Networks (LANs)
कई campus और छोटे office में Ring Topology का उपयोग किया जाता है। Token Ring networks जैसे IBM’s Token Ring भी इसका एक उदाहरण हैं जहाँ Token passing तकनीक का उपयोग करके data collisions को कम किया जाता है।
Metropolitan Area Networks (MANs)
महानगरों में फैले बड़े
Metropolitan Area networks के लिए Ring Topology का उपयोग किया जा सकता है। Fiber Distributed Data Interface (FDDI) एक ऐसा protocol है जो high-speed data transfer के लिए optical fiber का उपयोग करता है और यह भी Ring Topology पर आधारित होता है।
FDDI का प्रयोग मुख्य रूप से backbone networks के रूप में किया जाता है जो शहर के अंदर विभिन्न LANs को जोड़ता है।
Wide Area Networks (WANs)
वाइड एरिया नेटवर्क में भी कभी-कभी Ring Topology का उपयोग होता है। SONET (Synchronous Optical Network) एक ऐसा technology है जो high-speed optical fiber communication के लिए उपयोग होती है और यह भी Ring Topology पर आधारित है।
यह technology telecommunication networks में खूब इस्तेमाल होती है।
दूरसंचार नेटवर्क
कई दूरसंचार कम्पनीज अपने infrastructure में Ring Topology का उपयोग करती हैं। इससे उनका data transmission भरोसेमंद हो जाता है। प्रायः redundant rings का उपयोग होता है ताकि किसी एक ring में fault आने पर दूसरी ring डेटा ट्रांसमिशन को संभाल सके।
औद्योगिक नेटवर्क
कई औद्योगिक नेटवर्क में जहां वास्तविक समय डेटा ट्रांसमिशन महत्वपूर्ण है, Ring Topology का उपयोग किया जाता है। औद्योगिक automation systems जैसे SCADA (Supervisory Control and Data Acquisition) systems में भी एक अच्छी विश्वसनीयता की आवश्यकता होती है, जिसे Ring Topology पूरा कर सकती है।
Distributed Computing
Ring Topology का उपयोग distributed computing में भी किया जा सकता है जहाँ कम्प्यूटेशनल कार्य अलग-अलग nodes पर distributed रहते हैं। इसकी संरचना data sharing के लिए विश्वसनीयता प्रदान करती है।
Real-time Systems
Real-time applications जैसे टेलीकांफ्रेंसिंग, live streaming, और online gaming में भी Ring Topology का उपयोग किया जा सकता है।
इसकी low latency इसे real-time communication के लिए suitable बनाते हैं।
High-speed Networks
उच्च गति के नेटवर्क्स जिनमें efficient और तेज़ डेटा ट्रांसमिशन आवश्यक हो, वहाँ Ring Topology का उपयोग होता है। यह topology high-bandwidth के लिए उपयुक्त होती है जहाँ बड़ी मात्रा में डेटा travel करता है।
रिंग टोपोलॉजी के फायदे (Advantages of Ring Topology In Hindi)
Ring Topology में data एक fixed path में travel करता है, जिससे data भेजना stable हो जाता है। हर Node को एक निर्धारित क्रम में data transmit करने का मौका मिलता है, जो transmission को अधिक बेहतर बनाता है।
Token Passing तकनीक का उपयोग data collisions को कम करने के लिए किया जाता है। Network में केवल जिस Node के पास Token होता है, वही data भेज सकता है। यह तकनीक data की integrity और efficiency को बढ़ाता है।
हर Node को network resources तक equal access मिलता है, क्योंकि data circular fashion में travel करता है और हर Node को token मिलने की प्रतीक्षा करनी होती है। यह किसी भी Node को unfair advantage नहीं देता।
Packet tracing और data flow analysis में आसानी रहती है क्योंकि data एक दिशा में travel करता है। यदि network में कोई issue आता है, तो किसी node की पहचान करना आसान होता है।
इस Topology में central hub या switch की आवश्यकता नहीं होती, जिससे hardware का खर्चा कम हो जाता हैं।
Dual ring configurations में redundancy भी add की जा सकती है। यदि मुख्य ring fail हो जाता है, तो दूसरी ring data transmission को संभाल सकता है, जिससे network reliability बढ़ जाती है।
रिंग Topology की हानि (Disadvantages of Ring Topology in Hindi)
किसी भी Node या connection में fault आने पर पूरी network disrupt हो जाती है। Network का structure ऐसा होता है कि एक भी Node की failure से data transmission बाधित हो सकता है।
नए Nodes जोड़ना या पुराने Nodes को हटाना मुश्किल होता है। Network को कुछ देर के लिए down करना पड़ सकता है, जिससे downtime और service बाधित होती है।
बड़े Networks में latency और delay की समस्या होती है, क्योंकि data को कई Nodes से होकर गुज़रना पड़ता है। Network के बड़े होने पर efficiency कम हो सकती है और performance खराब हो सकती है।
Data को points A से B तक पहुंचने के लिए एक पूरे चक्र से गुजरना पड़ सकता है, जिससे latency बढ़ जाती है।
बड़े Rings में faults का पता लगाना और उसे ठीक करना ज्यादा मुश्किल हो सकता है। Faulty Node को identify करने के लिए testing की आवश्यकता पड़ सकती है।
Physical medium (cables) की installation के costs ज्यादा हो सकते हैं, विशेषकर बड़े setups में। हर Node को दूसरे से directly connect करना पड़ता है, जो कभी कभी difficult और खर्चीला हो सकता है