इंटरनेट को कौन चलाता है |

इंटरनेट, आज की दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण और अनिवार्य हिस्सा बन चुका है। हम सभी इसका उपयोग करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इंटरनेट को चलाता कौन है? यह सवाल थोड़ा पेचीदा हो सकता है, लेकिन इस लेख में हम इसे विस्तार से समझेंगे।

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इंटरनेट को कौन चलाता है

इंटरनेट एक वैश्विक नेटवर्क है जो लाखों कंप्यूटरों, सर्वरों, और अन्य उपकरणों को जोड़ता है। यह नेटवर्क विभिन्न प्रकार की तकनीकों का उपयोग करके डेटा और जानकारी को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाता है।

इंटरनेट की संरचना

इंटरनेट की संरचना को समझने के लिए हमें इसे विभिन्न स्तरों में बांटना होगा:

  1. इन्फ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure): इंटरनेट के इन्फ्रास्ट्रक्चर में सभी फिजिकल केबल्स (physical cables), फाइबर ऑप्टिक (fiber optic) लाइन्स, और सैटेलाइट्स (satellites) शामिल हैं। ये सभी मिलकर डेटा को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाते हैं।

  2. नेटवर्क प्रोवाइडर (Network Provider): इंटरनेट सेवा प्रदाता (Internet Service Provider - ISP) वो कंपनियाँ हैं जो इंटरनेट कनेक्शन प्रदान करती हैं। ये कंपनियाँ यूजर्स को इंटरनेट एक्सेस देती हैं और डेटा को इंटरनेट पर ट्रांसमिट करती हैं।

  3. रूटिंग और स्विचिंग (Routing and Switching): राउटर (Router) और स्विच (Switch) नेटवर्क के मुख्य उपकरण हैं जो डेटा को सही दिशा में भेजने का काम करते हैं। राउटर डेटा पैकेट्स (data packets) को उनके गंतव्य तक पहुंचाते हैं।

  4. डोमेन नेम सिस्टम (Domain Name System - DNS): DNS एक प्रकार की इंटरनेट फोनबुक है। यह डोमेन नेम्स (domain names) को आईपी एड्रेस (IP address) में ट्रांसलेट करता है जिससे कि ब्राउज़र (browser) सही वेबसाइट को एक्सेस कर सके।

इंटरनेट गवर्नेंस

इंटरनेट को कोई एक व्यक्ति या संस्था नहीं चलाती, बल्कि यह विभिन्न संगठनों, गवर्नमेंट्स, और तकनीकी समुदायों के सहयोग से चलता है। इंटरनेट गवर्नेंस के मुख्य भाग इस प्रकार हैं:

  1. आईसीएएनएन (ICANN - Internet Corporation for Assigned Names and Numbers): ICANN डोमेन नेम्स और आईपी एड्रेस को मैनेज करता है। यह एक नॉन-प्रॉफिट संगठन है जो इंटरनेट के स्थायित्व और सुरक्षा के लिए काम करता है।

  2. आईएएनए (IANA - Internet Assigned Numbers Authority): IANA आईपी एड्रेस, प्रोटोकॉल पैरामीटर (protocol parameters), और डोमेन नेम्स को कोऑर्डिनेट करता है। यह ICANN का एक हिस्सा है।

  3. आईईटीएफ (IETF - Internet Engineering Task Force): IETF इंटरनेट प्रोटोकॉल्स और स्टैंडर्ड्स को डेवलप और मेंटेन करता है। यह एक ओपन स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन है जिसमें वोलंटियर्स काम करते हैं।

  4. वर्ल्ड वाइड वेब कंसोर्टियम (W3C - World Wide Web Consortium): W3C वेब स्टैंडर्ड्स को डेवलप करता है। इसका मुख्य उद्देश्य वेब को सभी के लिए एक्सेसिबल और यूज़ेबल बनाना है।

इंटरनेट सेवा प्रदाता (ISP)

इंटरनेट सेवा प्रदाता (ISP) कंपनियाँ होती हैं जो यूजर्स को इंटरनेट एक्सेस प्रदान करती हैं। ये कंपनियाँ विभिन्न प्रकार की इंटरनेट सेवाएँ प्रदान करती हैं जैसे कि ब्रॉडबैंड (broadband), डायल-अप (dial-up), और वायरलेस इंटरनेट (wireless internet)। प्रमुख आईएसपी कंपनियाँ हैं:

  • Reliance Jio: भारत में सबसे बड़ा ISP, जो 4G नेटवर्क और हाल ही में 5G सेवाएँ भी प्रदान कर रहा है।
  • Airtel: एक प्रमुख टेलीकॉम कंपनी जो ब्रॉडबैंड सेवाएँ भी देती है।
  • BSNL (Bharat Sanchar Nigam Limited): एक सरकारी कंपनी जो देशभर में व्यापक कवरेज और विभिन्न ब्रॉडबैंड योजनाएँ प्रदान करती है।
  • Vi (Vodafone Idea): 4G नेटवर्क के साथ ब्रॉडबैंड सेवाएँ भी उपलब्ध कराती है।
  • डेटा सेंटर (Data Center)

    डेटा सेंटर वो स्थान होते हैं जहाँ इंटरनेट की अधिकांश जानकारी और डेटा स्टोर किया जाता है। ये सेंटर बड़े-बड़े सर्वर फार्म्स (server farms) होते हैं जहाँ हजारों सर्वर्स काम करते हैं। डेटा सेंटर की मुख्य विशेषताएँ हैं:

    1. हाई सिक्योरिटी: डेटा सेंटर में हाई सिक्योरिटी होती है ताकि डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
    2. रेडंडेंसी: डेटा सेंटर में रेडंडेंसी होती है ताकि किसी एक सर्वर के फेल होने पर भी डेटा उपलब्ध रहे।
    3. कूलिंग सिस्टम: डेटा सेंटर में सर्वर्स को ठंडा रखने के लिए अत्याधुनिक कूलिंग सिस्टम होता है।

    इंटरनेट एक्सचेंज पॉइंट (IXP)

    इंटरनेट एक्सचेंज पॉइंट (IXP) वो स्थान होते हैं जहाँ विभिन्न आईएसपी और नेटवर्क्स एक-दूसरे से कनेक्ट होते हैं। यह डेटा ट्रांसफर को तेजी से और कुशलता से करने में मदद करता है। IXP का मुख्य उद्देश्य है:

    1. लोअर लेटेंसी: IXP के माध्यम से डेटा ट्रांसफर की दूरी कम होती है जिससे लेटेंसी कम होती है।
    2. बेटर बैंडविड्थ: IXP उच्च बैंडविड्थ प्रदान करता है जिससे इंटरनेट की स्पीड बढ़ती है।

    इंटरनेट की चुनौतियाँ

    इंटरनेट चलाने में कई चुनौतियाँ भी हैं जिनका सामना विभिन्न संगठन और तकनीकी विशेषज्ञ करते हैं। कुछ प्रमुख चुनौतियाँ हैं:

    1. साइबर सिक्योरिटी (Cyber Security): इंटरनेट को सुरक्षित रखना एक बड़ी चुनौती है। हैकर्स और साइबर क्रिमिनल्स लगातार इंटरनेट को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते रहते हैं।

    2. नेट न्यूट्रैलिटी (Net Neutrality): यह सिद्धांत है कि सभी इंटरनेट ट्रैफिक को समान रूप से ट्रीट किया जाना चाहिए। इसके उल्लंघन से यूजर्स को भेदभावपूर्ण सेवाएँ मिल सकती हैं।

    3. इंटरनेट एक्सेसिबिलिटी (Internet Accessibility): इंटरनेट को सभी के लिए सुलभ बनाना एक बड़ी चुनौती है, विशेषकर ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रों में।

    इंटरनेट को चलाना एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें कई संगठन, सरकारें, और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल होते हैं। यह सभी मिलकर इंटरनेट को सुचारू रूप से चलाने के लिए काम करते हैं।