दोस्तों, इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि World Wide Web (WWW) क्या है, यह कैसे काम करता है, इसका इतिहास क्या है, और यह इंटरनेट से कैसे अलग है। इसके अलावा, हम Web 1.0, Web 2.0, Web 3.0 पर भी चर्चा करेंगे।
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World Wide Web (WWW) क्या है
World Wide Web एक सेवा है जो इंटरनेट का उपयोग करती है। यह इंटरनेट पर उपलब्ध हाइपरटेक्स्ट Documents का संग्रह है, जिन्हें वेबसाइटों के रूप में जाना जाता है। जब आप किसी वेब ब्राउज़र में कोई वेबसाइट खोलते हैं, तो आप वास्तव में WWW का उपयोग कर रहे होते हैं।
World Wide Web का प्रमुख उद्देश्य Information को आसानी से प्राप्त करना है। इसके माध्यम से हम किसी भी समय, कहीं से भी आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। WWW का विकास Sir Tim Berners-Lee ने किया था। इंटरनेट और वर्ल्ड वाइड वेब अक्सर एक दूसरे के पर्यायवाची समझे जाते हैं, लेकिन यह समझना महत्वपूर्ण है कि वे वास्तव में अलग-अलग हैं।
WWW का आविष्कार और इतिहास
WWW का आविष्कार Sir Tim Berners-Lee ने किया था, जिन्होंने इसे एक ऐसा प्लेटफार्म बनाया जो वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के लिए सूचनाओं को आसानी से शेयर करने और कम्युनिकेशन करने के लिए सहायक हो सके।
1989 में, जब Sir Tim Berners-Lee CERN (European Organization for Nuclear Research) में कार्यरत थे, उन्होंने एक ऐसी Technique का अविष्कार किया जो हाइपरलिंक्स का उपयोग करके Documents को आपस में जोड़ सके। बाद में इस तकनीक ने WWW का रूप लिया, जिसे 1990 में पहली बार पब्लिश किया गया।
उनके द्वारा विकसित पहला वेब ब्राउज़र "WorldWideWeb" और पहला वेब सर्वर "httpd" बनाया था, जो 1990 में लॉन्च हुआ। 1991 में, WWW को सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराया गया, और इसके बाद से यह तेजी से विकसित हुआ।
1993 में, जब Mosaic वेब ब्राउज़र आया, तो WWW की लोकप्रियता में और वृद्धि हुई। Mosaic पहला वेब ब्राउज़र था जिसमे ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI) था, जिससे वेबसाइटों को देखना और नेविगेट करना बहुत आसान हो गया। 1994 में, Sir Tim Berners-Lee ने W3C (World Wide Web Consortium) की स्थापना की जिसने WWW के विकास में अहम भूमिका निभाई।
1990 के मध्य से लेकर 2000 तक, WWW का तेजी से विकास हुआ। इस अवधि में, कई नए वेब ब्राउज़र, प्रोग्रामिंग भाषाएँ, और वेब विकास के टूल्स डेवेलप हुए। इसके साथ ही, इंटरनेट की पहुँच बढ़ी और WWW का उपयोग करने वाले लोगों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई।
विभिन्न वेबसाइटों के आने से WWW का विकास और अधिक हो गया। Yahoo, Amazon, eBay, और Google जैसी प्रमुख कंपनियों ने 1990 के अंत और 2000 की शुरुआत में अपनी वेबसाइटें लॉन्च कीं, जिन्होंने WWW के व्यावसायिक उपयोग में क्रांति ला दी। इस दौरान, WWW का उपयोग न केवल information sharing करने के लिए किया जाने लगा, बल्कि ऑनलाइन व्यापार, communication, और entertainment के लिए भी किया जाने लगा।
World Wide Web work की कार्यप्रणाली
World Wide Web कैसे काम करता है, यह समझने के लिए हमें इसे कई तकनीकी कंपोनेंट्स को समझना होगा। जब आप अपने वेब ब्राउज़र में किसी वेबसाइट का URL डालते हैं, तो यह प्रक्रिया कई चरणों में होती है:
DNS Resolution: जब आप कोई URL दर्ज करते हैं, जैसे "www.hindicomputer.in", तो यह URL सबसे पहले DNS (Domain Name System) सर्वर के पास भेजा जाता है। DNS का काम होता है उस URL को एक IP एड्रेस में बदलना, जो सर्वर का address होता है। यह IP एड्रेस उस सर्वर की पहचान करता है जहां पर वेबसाइट होस्ट की गई है।
HTTP/HTTPS Request: DNS से IP एड्रेस मिलने के बाद, आपका वेब ब्राउज़र उस IP एड्रेस पर एक HTTP या HTTPS अनुरोध भेजता है। HTTP (Hypertext Transfer Protocol) और HTTPS (HTTP Secure) प्रोटोकॉल होते हैं जो वेब सर्वर और ब्राउज़र के बीच डेटा का आदान-प्रदान करते हैं। HTTPS अधिक सुरक्षित होता है क्योंकि यह डेटा को एन्क्रिप्ट करता है, जिससे आपकी Personal Information सुरक्षित रहती है।
Server Response: सर्वर पर स्थित वेबसाइट का सारा डेटा HTML, CSS, और JavaScript के रूप में होता है। जब सर्वर को आपके अनुरोध की प्राप्ति होती है, तो वह उस अनुरोध के आधार पर आवश्यक डेटा को आपके ब्राउज़र के पास वापस भेजता है।
Rendering the Page: आपका वेब ब्राउज़र उस डेटा को प्राप्त करता है और उसे आपके स्क्रीन पर प्रदर्शित करता है। HTML संरचना को परिभाषित करता है, CSS उस पेज की डिज़ाइन की जाती है और JavaScript इसे इंटरएक्टिव बनाता है। यह प्रक्रिया तेजी से होती है, जिससे आप वेबसाइट को तुरंत देख सकते हैं और उसके साथ इंटरैक्ट कर सकते हैं।
User Interaction: एक बार वेबसाइट लोड हो जाने के बाद, आप उस पर विभिन्न एक्टिविटी कर सकते हैं जैसे लिंक पर क्लिक करना, फॉर्म भरना आदि। ये एक्टिविटी JavaScript द्वारा नियंत्रित की जाती हैं और उन्हें वेब सर्वर तक पहुँचाया जाता है, जो फिर से आवश्यक डेटा वापस भेजता है।
विभिन्न प्रोटोकॉल
WWW की कार्यप्रणाली को समझने के लिए विभिन्न प्रोटोकॉल को जानना अत्यधिक जरुरी है:
HTTP/HTTPS: जैसा कि मैंने पहले बताया था, ये प्रोटोकॉल वेब ब्राउज़र और सर्वर के बीच डेटा का आदान-प्रदान करते हैं। HTTPS विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह डेटा को सुरक्षित रखने के लिए एन्क्रिप्शन का उपयोग करता है।
HTML: Hypertext Markup Language (HTML) वह भाषा है जिसमें वेब पेज लिखे जाते हैं। यह वेब पेज की संरचना और कंटेंट को परिभाषित करता है।
CSS: Cascading Style Sheets (CSS) वेब पेज की डिज़ाइन और लेआउट को नियंत्रित करता है। CSS के माध्यम से आप टेक्स्ट का रंग, फॉन्ट और अन्य डिज़ाइन एलिमेंट्स को नियंत्रित कर सकते हैं।
JavaScript: यह एक स्क्रिप्टिंग भाषा है जो वेब पेजों को इंटरएक्टिव बनाती है। JavaScript के माध्यम से आप यूजर एक्टिविटी के अनुसार कार्य करने वाले फीचर्स जोड़ सकते हैं।
World Wide Web और Internet में अंतर
World Wide Web और Internet के बीच अंतर को समझना थोड़ा जटिल हो सकता है, क्योंकि दोनों एक दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं।
Internet और World Wide Web के बीच संबंध को समझने के लिए हम एक सरल उदाहरण ले सकते हैं। मान लीजिए कि Internet एक विशाल सड़क नेटवर्क है, जिसमें विभिन्न मार्ग, पुल, और सुरंगें शामिल हैं। इन सड़कों पर चलने वाली गाड़ियों को हम World Wide Web के रूप में देख सकते हैं। जैसे सड़कों के बिना गाड़ियाँ चल नहीं सकतीं, वैसे ही इंटरनेट के बिना वर्ल्ड वाइड वेब का अस्तित्व नहीं हो सकता।
Internet एक व्यापक नेटवर्क है जो कई अन्य सेवाओं का समर्थन करता है, जैसे कि ईमेल, फ़ाइल ट्रांसफर, और वीडियो कॉलिंग। दूसरी ओर, WWW इंटरनेट का एक हिस्सा है जो विशेष रूप से वेब पेजों और वेबसाइटों को एक्सेस करने के लिए जिम्मेदार है।
Web 3.0 और Web 1.0 तथा 2.0
Web 3.0 को समझने के लिए हमें पहले Web 1.0 और Web 2.0 को समझना होगा। यह वेब के विकास के विभिन्न चरण हैं।
Web 1.0: प्रारंभिक वेब
Web 1.0 वह समय था जब वर्ल्ड वाइड वेब अपनी शुरुआत में था। यह 1990 की शुरुआत से लेकर 2000 शुरुआत तक का दौर था। इस समय, वेब पेज मुख्य रूप से स्थिर (static) थे, और वे केवल पढ़ने के लिए होते थे। यूजर्स को बहुत कम इंटरएक्टिविटी मिलती थी, और वेबसाइटें केवल सूचना प्रदाता थीं। उस समय की वेबसाइटें अक्सर टेक्स्ट-आधारित होती थीं और उनमें ग्राफिक्स, वीडियो आदि नहीं होते थे।
Web 2.0
Web 2.0 का दौर 2000 के दशक की शुरुआत में आया, जब इंटरनेट और अधिक इंटरएक्टिव हो गया। इस समय, यूजर्स न केवल जानकारी प्राप्त कर सकते थे, बल्कि उसे शेयर भी कर सकते थे। यह वह दौर था जब सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म, ब्लॉग, और यूजर-जनरेटेड कंटेंट की शुरुआत हुई।
इस दौर में AJAX, JavaScript, और अन्य वेब तकनीकों का उपयोग हुआ, जिससे वेबसाइटें अधिक इंटरएक्टिव हो गईं। यूजर्स अब वेबसाइटों पर न केवल पढ़ सकते थे, बल्कि उन्हें लिख सकते थे, कमेंट कर सकते थे, और Information को शेयर कर सकते थे।
Web 3.0
Web 3.0 की बात की जाए, तो यह अगली पीढ़ी का वेब होगा जो और भी स्मार्ट, इंटरकनेक्टेड, और अधिक कुशल होगा। Web 3.0 में, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग का प्रमुख उपयोग होगा।
Web 3.0 के महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है Semantic Web, जो डेटा को और भी समझदार और इंटरकनेक्टेड बनाता है। यह सुनिश्चित करेगा कि अलग अलग Sources से प्राप्त डेटा को समझा जा सके।
आशा है कि इस आर्टिकल की सहायता से आपको World Wide Web (WWW) को समझने में मदद मिली होगी। अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।