कंप्यूटर टेक्नोलॉजी का आविष्कार और विकास 20वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक है। इस लेख में हम भारत के पहले कंप्यूटर और उससे संबंधित महत्वपूर्ण तथ्यों पर चर्चा करेंगे। इसमें हम यह जानेंगे कि भारत का पहला कंप्यूटर कब और किसने बनाया, इसे कहां स्थापित किया गया था, और विश्व का पहला कंप्यूटर कब और किसने बनाया। साथ ही, हम भारत में प्रथम सुपर कंप्यूटर के आविष्कार के बारे में भी जानकारी प्राप्त करेंगे।
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विश्व का पहला कंप्यूटर
कंप्यूटर का इतिहास काफी पुराना है और इसका विकास कई चरणों में हुआ है। सबसे पहले इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर का आविष्कार 1940 के दशक में हुआ।
विश्व का पहला कंप्यूटर का नाम: ENIAC (Electronic Numerical Integrator and Computer)
कब बना: 1946
किसने बनाया: J. Presper Eckert और John Mauchly
कहां स्थापित किया गया: University of Pennsylvania, USA
ENIAC का निर्माण द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान किया गया था और इसका उपयोग बैलिस्टिक मिसाइलों की गणना के लिए किया गया था। यह कंप्यूटर 30 टन वजन का था और इसमें 18,000 वैक्यूम ट्यूब्स का उपयोग किया गया था।
भारत का पहला कंप्यूटर
भारत में कंप्यूटर टेक्नोलॉजी के विकास का सफर 1950 के दशक में शुरू हुआ। भारत का पहला कंप्यूटर TIFRAC था जिसने देश में टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक नई दिशा दी।
भारत का पहला कंप्यूटर का नाम: TIFRAC (Tata Institute of Fundamental Research Automatic Calculator)
कब बना: 1955
किसने बनाया: Tata Institute of Fundamental Research (TIFR) की टीम
कहां स्थापित किया गया: Tata Institute of Fundamental Research, मुंबई
TIFRAC का निर्माण TIFR के वैज्ञानिकों की एक टीम ने किया था जिसमें डॉ. नार्लीकर, डॉ. महालनोबिस, और डॉ. होमी भाभा प्रमुख थे। यह कंप्यूटर मुख्य रूप से वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग गणनाओं के लिए उपयोग किया गया था।
भारत का पहला कंप्यूटर कैसे बना
TIFRAC का निर्माण एक जटिल प्रक्रिया थी जिसमें कई चरण शामिल थे। इसका डिज़ाइन और निर्माण एक बड़ी चुनौती थी, विशेषकर तब जब भारत में कंप्यूटर टेक्नोलॉजी बिल्कुल नई थी।
प्रक्रिया:
- शोध और विकास: TIFR के वैज्ञानिकों ने कंप्यूटर टेक्नोलॉजी पर गहन शोध किया और एक स्वचालित गणक (automatic calculator) का डिज़ाइन तैयार किया।
- सामग्री और उपकरण: उस समय भारत में आवश्यक सामग्री और उपकरण उपलब्ध नहीं थे, इसलिए इन्हें विदेशों से आयात करना पड़ा।
- निर्माण और परीक्षण: वैज्ञानिकों ने कंप्यूटर के विभिन्न हिस्सों का निर्माण किया और उनका परीक्षण किया।
- स्थापना और कार्यान्वयन: सफल परीक्षण के बाद, TIFRAC को TIFR में स्थापित किया गया और इसका उपयोग शुरू हुआ।
भारत में प्रथम सुपर कंप्यूटर का आविष्कार
भारत में सुपर कंप्यूटर टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।
भारत का प्रथम सुपर कंप्यूटर का नाम: PARAM 8000
कब बना: 1991
किसने बनाया: Centre for Development of Advanced Computing (C-DAC)
कहां स्थापित किया गया: C-DAC, पुणे
PARAM 8000 का निर्माण भारत सरकार के समर्थन से C-DAC द्वारा किया गया था। इसका नेतृत्व डॉ. विजय भटकर ने किया था। PARAM 8000 ने भारत को विश्व में सुपर कंप्यूटर निर्माण करने वाले देशों की सूची में शामिल कर दिया।
TIFRAC के निर्माण से लेकर PARAM 8000 तक, भारत ने कंप्यूटर टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। इन उपलब्धियों ने न केवल देश की तकनीकी क्षमता को बढ़ाया है बल्कि विश्व मंच पर भी भारत की पहचान को मजबूत किया है। कंप्यूटर टेक्नोलॉजी का विकास जारी है और भविष्य में इससे भी अधिक उन्नत और शक्तिशाली कंप्यूटर देखने को मिलेंगे।
इस लेख में हमने भारत के पहले कंप्यूटर TIFRAC के बारे में विस्तार से चर्चा की और इसके निर्माण, स्थापना और उपयोग के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। साथ ही, हमने विश्व के पहले कंप्यूटर ENIAC और भारत के पहले सुपर कंप्यूटर PARAM 8000 के बारे में भी जानकारी प्राप्त की।